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messenger of god

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संत गरीबदास जी का जन्म गाँव-छुड़ानी जिला-झज्जर प्रांत-हरियाणा में सन् 1717 (विक्रमी संवत् 1774) में हुआ। फाल्गुन मास की सुदी द्वादशी को दिन के लगभग 10 बजे परम अक्षर ब्रह्म (परमेश्वर कबीर साहिब) दस वर्षीय गरीबदास जी को जिन्दा महात्मा के वेश में मिले और ज्ञानोपदेश दिया। #15March_GaribdasJiBodhDiwas संत गरीबदास जी को कबीर परमेश्वर फाल्गुन सुदी द्वादशी को जिंदा महात्मा के रूप में आकर मिले और उन्हें नाम दीक्षा दी। कबीर परमेश्वर उन्हें सतलोक लेकर गए जहां कोई चिंता, जन्म - मृत्यु व कष्ट नहीं है। #15March_GaribdasJiBodhDiwas Sant Rampal Ji Maharaj The Messiah  Savior of the world 

धरती पर अवतार

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*🎐जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के अवतरण दिवस पर विशेष🎐* *संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य:- कलयुग में सतयुग की स्थापना करना।* दोस्तों संत रामपाल जी महाराज के बारे में तो आप सभी जानते ही हैं। उनका नाम पूरे विश्व में सुप्रसिद्ध है।  क्या आपको पता है संत जी के क्या उद्देश्य हैं?? वाणी:- कलयुग मध्य सतयुग लाऊं। ताते सत कबीर कहांऊ।। उपरोक्त वाणी में परमात्मा ने स्पष्ट किया है कि कलयुग के मध्य में सतयुग जैसा वातावरण करूँगा, इसीलिए मैं बन्दीछोड़ यानी सभी प्रकार के बंधनों से मुक्ति दिलाने वाला कहलाता हूँ।  कलयुग में सतयुग जैसा वातावरण बनाने के लिए संत रामपाल जी नीचे दिए अनेकों उद्देश्यों की मजबूत नींव रख चुके हैं, तथा सभी प्राणियों को सतभक्ति देकर मोक्ष सुनिश्चित कर रहे हैं।  👉 समाज से पाखंडवाद को जड़ से खत्म करना:- संत रामपाल जी महाराज जी ने समाज में व्याप्त, पाखंडवाद की जड़ों को हिला कर रख दिया जिससे लोग पाखंड छोड़कर सतभक्ति कर रहे हैं।  👉समाज में जाती पाती का भेद मिटाना :- संत रामपाल जी महाराज का नारा है - 👇  जीव हमारी जाति है, मा...

Mansur Al hallaj ( मंसूर अल हल्लाज )

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परिचय -  मनसूर अल हल्लाज का जन्म बैज़ा के निकट  तूर  ( फारस ) में हुआ। ये  पारसी  से मुसलमान बना था । अरबी में हल्लाज का अर्थ धुनिया होता है - रूई को धुनने वाला। इसने कई यात्राएं कीं - ३ बार मक्का की यात्रा की।  ख़ुरासान , फ़ारस और  मध्य एशिया  के अनेक भागों तथा  भारत  की भी यात्रा की। वास्तविक इतिहास -  परमात्मा कबीर जी अपने सिद्धांत अनुसार एक अच्छी आत्मा समशतरबेज मुसलमान को जिंदा बाबा के रूप में मिले थे। उन्हें अल्लाहू अकबर (कबीर परमात्मा) यानि अपने विषय में समझाया, सतलोक दिखाया, वापिस छोड़ा। उसके पश्चात् कबीर परमात्मा यानि जिंदा बाबा नहीं मिले। उसे केवल एक मंत्रा दिया ‘‘अनल हक’’ जिसका अर्थ मुसलमान गलत करते थे कि मैं वही हूँ यानि मैं अल्लाह हूँ अर्थात् जीव ही ब्रह्म है। वह यथार्थ मंत्रा ‘‘सोहं’’ है। इसका कोई अर्थ करके स्मरण नहीं करना होता। इसको परब्रह्म (अक्षर पुरूष) का वशीकरण मंत्रा मानकर जाप करना होता है। समशतरबेज परमात्मा के दिए मंत्रा का नाम जाप करता था। उसका आश्रम एक शहर के बाहर बणी में था। उस नगरी के राजा की एक ल...

Secrets of holy bible

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Supreme God In Christianity according to the holy bible  When we talk about supreme God in Christianity, then these questions come automatically in our mind like Who is God? Why do we need to know about him? Are God and Jesus the same? Has anyone seen God? These questions have remained a mystery for all of us. But here all of these would be answered with proofs. All over the world, people are in search of the Supreme God, whether they are theist or atheist. Everyone needs God whether for money, mental peace or salvation. This article would be a complete solution for you if you want to know how can we reach God and get complete salvation. But first, Let us give you a Brief Description of Christianity The followers of Jesus Christ are known as Christians. Jesus was born circa 6 B.C. in Bethlehem. His mother was Mary. Christians believe Jesus was born through Immaculate Conception by an angel. Mary and Joseph were Jews. Jesus was given the knowledge of Injeel.  Most of ...

dhanteras

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धनतेरस क्या है ?  पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह की  कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर आये । इस कारण इस दिन धनतेरस के रूप में मनाया जाता है । धनतेरस से लाभ  लोगो का मानना है कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर आये थे इस दिन बर्तन खरीदने की परम्परा है । कहा जाता है कि इस दिन कोई वस्तु खरीदने पर तेरह गुना हो जाती है बहुत से लोग इस दिन धनिया के बीज खरीद कर भी रखते हैं दीपावली के बाद इन बीजों को अपने खेतों में बोते है उनका मानना है कि इससे अच्छी पैदावार मिलती है । वास्तविकता में धनतेरस से लाभ  अगर देखा जाए तो वास्तव में यह एक अंधविश्वास से ज्यादा कुछ नही है इस दिन कोई वस्तु खरीदने से उसकी कीमत तेरह गुना हो जाये ये बकवास है ।  इस दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर आये तो क्या इस दिन धनतेरस मनाने से उनको अमृत मिल जाएगा ?  उदाहरण के तौर पर देखे जैसे किसी व्यक्ति ने कहि पर भट्टी बनाकर वहां हलवा बनाया और खाया । उसी स्थान पर या उसी के दिन कोई व्यक्ति जाकर वहाँ उसका गुणगान करे कि यहाँ हलवा बना था ऐसे...

ईद / रमजान

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#तुम_मांस_खाकर_पशु_पक्षियों_की_कब्र_पेट_में_मत_बनाओ!  आज कुछ मुस्लिम बहनों से बात हुई, हंसते हुए बता रहीं थीं कि, “शाम को इफ्तार के समय हम कुछ भी खा सकते हैं”। खाने पीने में कोई परहेज़ नहीं है भले ही, मांस पका कर खा लो। परंतु मांस खाने का आदेश #अल्लाह का नहीं है। न ही कुरान शरीफ़ में इसके खाने का ज़िक्र अल्लाह ने स्वयं किया। जो वेद या ग्रंथ मांस खाने को कहे वह परमात्मा का ज्ञान हो ही नहीं सकता। ऐसा तो केवल कोई शैतान ही ज़बरदस्ती करवाता है। आपको बता दें कि मुसलमानों की सबसे पवित्र पुस्तक #कुरान है जिसे पूरा मुस्लिम समाज मानता है।महत्वपूर्ण बात यह है कि परमात्मा ने इसमें मांस खाने का कहीं कोई आदेश नहीं दिया ना ही लिखवाया। मांस खाने का आदेश #जिब्राइल_फरिश्ते का था जिसे मुस्लिम भाई परमात्मा का फरमान मान बैठे और पाप के गर्त में डूब गए। पूरे दिन भूखे प्यासे रह कर पांच वक्त की नमाज़ पढ़ते हुए अल्लाह से अपने #गुनाहों_की_माफ़ी मांगते हो। शाम को पेट भरने और जीभ के स्वाद के लिए जानवर को #हलाल करके पका कर खाते हो। सुबह माफी, शाम को पाप। फिर प्रार्थना, फिर गुनाहों के लिए माफ़ी। #काफि...

Sant Rampal Ji History

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Who is saint rampal ji maharaj संत रामपाल जी का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में एक किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करके हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजिनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। सन् 1988 में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा प्राप्त की तथा तन-मन से सक्रिय होकर स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए भक्ति मार्ग से साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया। संत रामपाल जी को नाम दीक्षा 17 फरवरी 1988 को फाल्गुन महीने की अमावस्या को रात्राी में प्राप्त हुई। उस समय संत रामपाल जी महाराज की आयु 37 वर्ष थी। उपदेश दिवस (दीक्षा दिवस) को संतमत में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है। उपरोक्त विवरण श्री नास्त्रोदमस जी की उस भविष्यवाणी से पूर्ण मेल खाता है जो पृष्ठ संख्या 44.45 पर लिखी है। ”जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व नेता की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा, बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में संसार में प्रसिद्ध होगा। वह सन् 2006 होगा।...