पाखण्ड का खण्डन

पाखण्ड का दुष्प्रभाव 
मानव जाति के नास्तिकता का मूल कारण पाखण्ड है 
पाखण्ड का मूल कारण नकली धर्मगुरुओ का स्वार्थ और अज्ञानता है अपने सद्ग्रथों का ठीक से ज्ञान न होने के कारण इन नकली धर्मगुरुओं द्वारा बताई साधना भक्ति से साधक को कोई लाभ नही प्राप्त हुए और धीरे धीरे फिर लोग नास्तिक होते चले गए ।


                 पाखण्ड का  खण्डन 
इतिहास में ऐसे कई महान सन्त हुए हैं जिन्होंने पाखण्ड का खंडन किया और समाज को एक नही दिशा प्रदान की ।
इनमें महान सन्त कबीर जी   को कौन नही जानता है 
जिन्होंने पूरी जिंदगी नकली धर्म गुरुओं का विरोध किया हिन्दू मुस्लिम धर्म मे फैले पाखण्ड को उजागर किया ।
लेकिन जितना ज्यादा उन्होंने पाखण्ड का विरोध किया उतना ही उनपर अत्याचार भी किये गए ।

           आज वर्तमान में पाखण्ड की स्थिति 
समय समय पर पाखण्ड का खंडन करने और मानवता को नास्तिकता की और बढ़ने से रोकने के लिए अवतारी सन्त आते हैं वर्तमान में महान सन्त रामपाल जी महाराज कबीर साहेब के अनुसार मानव को सत भक्ति का ज्ञान करा रहे हैं औऱ नकली धर्मगुरुओ के पाखण्ड का आध्यात्मिक ज्ञान  चर्चा के माध्यम से  पर्दाफाश  किया। जिस  कारण से उन्हें  षड्यंत्र  के तहत   जेल भेज दिया गया ।

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